दिसंबर 2019 में 30 % तक कीमत बढ़ाने वाली टेलीकॉम कंपनियां फिर से डेटा की कीमत में इजाफा करना चाहती हैं । टेलीकॉम कंपनियों के संगठन सीओएआई का दावा है कि अभी कंपनियों को घाटा हो रहा है । आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियां चाहती हैं कि अभी एक जीबी डेटा के अधिकतम 4 रुपए लगते हैं उसकी कीमत 35 रुपए तक हो । यानी करीब 775 % अधिक । इतना ही नहीं , रिपोर्ट में हर सुविधा का एक निश्चित न्यूनतम रेट ( फ्लोर प्राइस ) फिक्स करने और बढ़ाने को कहा गया है । नई सिम खरीदने पर सबस्क्रिप्शन चार्ज , न्यूनतम फिक्स वॉयस कॉल चार्ज , फ्री एप की सुविधा बंद करने जैसी मांग भी रखी गई है ।


ट्राई ने दाम बढ़ाने का फैसला नहीं लिया तो कंपनियां पैक की वैलिडिटी कम कर सकती हैं |
रिपोर्ट में बताए गए फ्लोर प्राइस के अनुसार यह बढ़ोतरी टेलीकॉम कंपनियों के लिए गेमचेंजर होगी ।
इससे ये अपने स्ट्रक्चर को नए सिरे से बना सकती हैं । फ्लोर प्राइस में तय दर से नीचे कोई भी कंपनी सस्ता प्लान नहीं दे सकती है ।
• एयरटेल , वोडाफोन आइडिया का प्रस्ताव कॉस्ट बेस्ड केल्कुलेशन को पुरातन बताते है कि सब्स्क्रिप्शन फीस 40-75 रु . हुए खारिज कर दिया ।

• बीएसएनएल भी नियमानुसार न्यूनतम दर वॉयस कॉल चार्ज 60 रु . प्रतिमाह होना पर सहमत है ।
 जियो के अनुसार वॉयस कॉल का अगर ट्राई दाम बढ़ाने पर निर्णय नहीं लेती हैं न्यूनतम शुल्क यूनिट बेसिस पर हो ।
फायदाः इससे स्पीड और बेहतर होगी फ्लोर प्राइस को एयरटेल दो साल और इनमें वीडियो ऑन डिमांड एवं अन्य एप अभी तक कंपनियां आपसी स्पर्धा के रिलायंस जियो 3 साल के लिए लागू करने भी शामिल हैं जिन पर मुफ्त का ऑफर है ।
• एयरटेल और वोडाफोन का कहना है कि प्रस्तावित फ्लोर प्राइस 5 गुना बढ़ा दी जाती आइडिया सालाना समीक्षा चाहती है ।

जियो ने प्रस्ताव दिया है कि अतिरिक्त आरओसीई ( नियोजित पूंजी पर आवश्यकता अनुसार डेटा का इस्तेमाल सेवाओं का चार्ज लिया जाए , जो कम से वापसी ) निकल सके । सभी ऑपरेटर्स ने करेंगे , जिससे बेहतर डेटा स्पीड मिलेगी ।